VETO पॉवर के उप्पर ड्राफ्ट तैयार, 25 देशों के लिए अप्रूवल पर बात बन गई, भारत भी आया एक्शन में।

VETO पॉवर के उप्पर ड्राफ्ट तैयार, 25 देशों के लिए अप्रूवल पर बात बन गई, भारत भी आया एक्शन में।
VETO पॉवर के उप्पर ड्राफ्ट तैयार, 25 देशों के लिए अप्रूवल पर बात बन गई, भारत भी आया एक्शन में।

यूएन सिक्युरिटी काउंसिल की परमानेंट मेंबरशिप के लिए ना सिर्फ भारत संघर्ष कर रहा है बल्कि और भी कई सारे देश है जो टेबल के ऊपर परमानेंट सीट चाहते हैं यानी वीटो पावर चाहते हैं अब क्या होता है की जब भी कोई अकेला देश किसी चीज़ के लिए लड़ रहा होता है या किसी चीज़ की डिमांड कर रहा होता है तो उसको कमी देश सिरियसली लेते हैं वहीं पर जब ज्यादा देश एक साथ आ जाते हैं और जब वो सभी मिलकर एक ही बात के ऊपर ज़ोर देते हैं तो उसका वजन काफी ज्यादा हो जाता है आप वीटो पावर का लालच तो कई सारे देशों को है फिर चाहे वो डिज़र्व करते हो या फिर नहीं ऐसे में यूनाइटेड नेशन्स काउन्सल की मेंबरशिप को लेकर भारत ने भी कुछ देशों के साथ मिलकर एक जी फ़ोन नाम का एक ग्रुप बनाया है इस जी फ़ोन नाम के ग्रुप में भारत समेत कुल चार देश है

ऐंड सारे के सारे परमानेंट सीट के लिए एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं जी फॉर के चार मेंबर्स है भारत जर्मनी जापान और ब्राज़ील अब इनमें से कौन सा देश टेबल के ऊपर परमानेंट सीट डिज़र्व करता है कौन सा देश नहीं ये हमारी पर्सनल राय हो सकती है जिसके कोई मायने नहीं है क्योंकि भारतीय सरकार का ऑफिशल स्टैंड यही है की भारत जर्मनी जापान और ब्राज़ील इन तीनों को ही

परमानेंट सीट के ऊपर देखना चाहता है अब हुआ क्या की रिसेंटली मार्च नौ को यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल में रिफॉर्म को लेकर इंटर गवर्नमेंट निगोशिएशंस एक बार फिर से स्टार्ट हो गई है इसमें कई सारी इम्पोर्टेन्ट चीजे निकल कर आ रही है सबसे बड़ी चीज़ ये है की इस पर जो निगोशिएशंस और प्रोसीडिंग होंगी उसका लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा उसकी वेबकास्टिंग होगी ताकि कोई भी इन्टरनेट के ऊपर ये देख सके कि कौन सा देश रिफोर्म्स को लेकर मीटिंग में क्या बोल रहा है और क्या डिमांड रख रहा है दूसरी चीज़ ये निकल कर आ रही है की टोटल नम्बर ऑफ यूएन सेक्युरिटी काउंसिल मेंबर्स को पंद्रह से बढ़ाकर पच्चीस करने के ऊपर सहमति बन रही है

टोटल पच्चीस देश होंगे परमानेंट और नॉन परमानेंट दोनों को मिलाकर अभी पच्चीस में से परमानेंट सीट कितनी बढ़ाई जाएंगी इसके ऊपर नहीं बन पाई है लेकिन सोर्स का कहना है की परमानेंट मेंबर्स को पांच से दस किया जा सकता है और नॉन परमानेंट मेंबर्स को दस से बढ़ाकर पंद्रह या फिर सोलह तक किया जा सकता है अभी यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल में रिफॉर्म को लेकर इंटर गवर्नमेंट निगोशिएशंस एक बार फिर से स्टार्ट हुई है इसके ऊपर जी फॉर देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है जिसके बारे में हम आपको बताएंगे की जी परदेशों ने क्या कहा है

क्योंकि भारत भी जी फॉर का हिस्सा है जी फॉर देशों ने जो स्टेटमेंट जारी की है उसका स्क्रीनशॉट आपके स्क्रीन के ऊपर है सबसे पहले तो जी फ़ोर ने नेगोशिएशन की वेबकास्टिंग का वेलकम किया है और कहा है की इस कदम से ट्रांसपरेंसी और अकाउन्टबिलिटी और भी ज्यादा बढ़ेगी यानी सबको क्लिर होगा की कौन सा देश क्या कह रहा है और सबकी जवाबदेही बढ़ेगी उसके बाद फॉर देशों ने कहा है की हम प्रोपोज़ करते हैं की रिफोर्म्स के बाद नई सिक्युरिटी काउंसिल में टोटल पच्चीस या फिर छब्बीस देश होने चाहिए जो सभी रीजन्स को रिप्रेजेंट करते हो और अफ्रीका लैटिन अमेरिका और करीबीयन कन्ट्रीज के भी सेक्युरिटी काउंसिल में परमानेंट रिप्रजेंटेशन होनी चाहिए इसके साथ ही जी फ़ोर ने कहा है की जो छोटे देश हैं आइलैंड नेशन्स है

नॉन परमानेंट मेंबर्स में उनकी भी रिप्रजेंटेशन होनी चाहिए इसके बाद जी फॉर के देशों ने कहा है की ट्रांसपरेंसी और अकाउन्टबिलिटी तो ठीक है पब्लिक फॉरमैट में ओपन डिबेट्स को हम सपोर्ट करते हैं सबकी जवाबदेही बिल्कुल ठीक है लेकिन रिफॉर्म के बाद जब नए देश आ जाएंगे तब सेक्युरिटी काउन्सल इफेक्टिव और एफिशिएंट वे में काम करे इसके लिए सेक्युरिटी काउन्सल की पब्लिक और प्राइवेट मीटिंग के बीच एक हेल्दी होना जरूरी है यानी भारत समेत जी फॉर देशों का मानना है की यूएन सेक्युरिटी काउंसिल को सारे मुददे पब्लिक डिबेट में डिसकस करने की जरूरत नहीं है बल्कि कुछ मुददे क्लोज़ डोर प्राइवेट मीटिंग में भी डिसकस होने चाहिए यानी परमानेंट मेंबर्स के बीच प्राइवेट मीटिंग को भी जीफोर्स समर्थन देता है

इसके अलावा जी फॉर देशों ने कहा है की एक स्ट्रिंग यूनाइटेड नेशन्स के लिए यूएन जनरल असेंबली का रोल अब और भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हो जाता है ऐसे में यूएन सिक्युरिटी काउंसिल और यूएन जनरल असेंबली को आपस में एक साथ मिलकर और भी रेग्युलर मीटिंग्स करनी चाहिए इनके प्रेजिडेंट्स को एक साथ मिलना चाहिए बाकी दोनों संगठन

आपस में एकजुट होकर और भी प्रोड क्टिव काम कर सकें इसके अलावा जिओ फ़ोर ने कहा है की रियल प्रोग्रेस के लिए हम नेगोशिएशन का समर्थन करते हैं मोटी मोटी सभी इम्पोर्टेन्ट बातें मैंने आपको बता दिया है आपको क्या लगता है की ह्यूमन सिक्युरिटी काउंसिल में टोटल मेंबर्स की संख्या को बढ़ाकर पच्चीस तक करना क्या ये एक सही कदम है हाँ या फिर ना और आपके अकॉर्डिंग रिफोर्म्स के बाद कितने परमानेंट मेंबर्स होने चाहिए और कितने नॉन पर्मनन्ट नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर बताएं

Leave a Comment

close
Share via
Copy link
Powered by Social Snap