जो कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, उनका अभिनंदन है। अलका लांबा है। मेरे साथ कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता हैं, उनका अभिनंदन है। मेरे साथ इस चर्चा में जुड़े हैं। विवेक श्रीवास्तव नेता हैं, लिफ्ट के मेरे साथ तीन एक्स्पर्ट है। अशोक वानखेडे साहब है। जाने माने चुनावी विश्लेषक हैं। मेरे साथ संजय कुमार है, चुनावी विश्लेषक हैं और मेरे तो शुभ रास्ता है जो की जानी मानी लेखिका हैं और चुनावों में अपना करती है। इकोनॉमी में भी अपना करती है। आप तमाम लोगों का स्वागत है। इस चर्चा की मैं शुरुआत कर लेता हूँ और सबसे पहले संजय जी आप ही से शुरुआत करता हूँ।
हमने पूरी एक रिपोर्ट निकाली और उस रिपोर्ट के अंदर गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड। तीन महीने में पांच राज्यों में चुनाव हुए। करीब आबादी 9,00,00,000 है और बीजेपी 429 में टोटल सीटें लड़ीं। 253 जीत के आई कांग्रेस 408 पे लड़ी कांग्रेस प्लस और छत्तर जीत के ये आंकड़े कहते हैं इसका आदेश क्या है?
इस जनादेश का।
देखिये हमेश खान को आगे से छुए पीछे से छुए जीस तरफ से भी छुए।
ये जो नतीजे हैं सीधे सीधे अगर आप सारे विधानसभा चुनाव के नतीजों को एक नंबर से देखना चाहें या अलग अलग राज्यों को टुकड़ों में करके देखना चाहें, सन्देश बहुत साफ है। बीजेपी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है जहाँ जहाँ बीजेपी की सरकार थी, बीजेपी सारे जगहों पर अपनी सरकारे रिपीट करने में सफल हुई। अपवाद सिर्फ एक हिमाचल प्रदेश है लेकिन हिमाचल प्रदेश के अलावा बीजेपी ने सारे जगहों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। सीटें ऊपर नीचे हो सकती है। त्रिपुरा की बात करें तो सीटें कम हो गई है।
गुजरात की बात करें तो सीटें बहुत आगे बढ़ी, बल्कि यह कह सकते हैं गुजरात में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया। अभूतपूर्व प्रदर्शन तो कुल मिलाकर ये साफ दिखाई पड़ता है बीजेपी की पकड़ देश की राजनीति पर और राज्यों की राजनीति पर बनी दिखाई पड़ती है।
अब सवाल यह है कि जनादेश बीजेपी के पक्ष में क्यों आ रहा है? इसके कई कारण हैं। एक तो यह मुझे साफ साफ दिखाई पड़ता है। ऐवरेज जो गवर्नेन्स है, बीजेपी को एक जेनरल गवर्नेन्स जिसकी हम बात करते हैं, जनता को लगता है कि बीजेपी की सरकार में कामकाज पहले की सरकार, जहाँ पर ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस की सरकार थी, उस से बेहतर है, सड़कों का जिक्र करते हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर का लोग बहुत ज़िक्र करते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर से बीजेपी अपने अर्बन इलाकों में मिडल क्लास वोटरों पर अपनी पकड़ बना पाती है।
या बनाए रखी है, लेकिन साथ ही साथ हमें यह नहीं भूलना चाहिए। बीजेपी का जितना जनाधार जो बड़ा है उसमें एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। गरीबों में, लोअर क्लास वोटरों में, ग्रामीण वोटरों में और इसकी वजह बहुत साफ है जो तमाम वेलफेयर स्कीम्स है और जिसमें खासकर यह जो मुफ्त अनाज देने का स्कीम है। इन सब इन वजहों से भी बीजेपी ने अपना जनाधार ग्रामीण और गरीब मतदाताओं के बीच में बढ़ाया है। यह सब कुल मिलाकर इसके नतीजे जो है वो इलेक्टोरल वर्डिक्ट में हमें दिखाई पड़े। जिन राज्यों का आपने जिक्र किया, बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन।
किया है।