70 साल लेट शुरू किया था लेकिन भारत का तीर सीधे निशाने पर जाकर लगा, अमेरिका फ्रांस ने भारत से मांगे..

70 साल लेट शुरू किया था लेकिन भारत का तीर सीधे निशाने पर जाकर लगा, अमेरिका फ्रांस ने भारत से मांगे..
70 साल लेट शुरू किया था लेकिन भारत का तीर सीधे निशाने पर जाकर लगा, अमेरिका फ्रांस ने भारत से मांगे..

एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें भारत ने हथियार इंपोर्ट करने यानी विदेशों से परचेस करने वाले देशों में तो टॉप किया था, लेकिन हथियार एक्सपोर्ट करने वाले यानी विदेशों को बेचने वाले। 10 देशों में भी भारत का नाम नहीं था क्योंकि बाकी देश ऑलरेडी विच क्वांटिटी में आंशिक सपोर्ट कर रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि भारत के आम जन स्पॉट 1 पॉइंट के ऊपर आकर्षित हो गए हैं या फिर बढ़ नहीं रहे हैं। भारत सरकार ने देश के डिफेंस एक्सपोर्ट का डाटा संसद की पटेल के ऊपर रख दिया है। डाटा बताने से पहले आपको बता दूंगी। डिफेंस स्पोर्ट्स में डिफेंस से संबंधित नासिक हथियार बल्कि उसके कॉम्पोनेंट्स उसके पास ही आते हैं।

रक्षक स्क्रीन के ऊपर द टाइम्स ऑफ इंडिया के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है जिसके मुताबिक साल 2022 से 23 फाइनेंसियल ईयर में मार्च 6 तक भारत ने 13399 करोड के हथियार अभी तक का सपोर्ट कर दिया है। इसके साथ ही नंबर ऑफ कंट्रीज जिंकम डिफेंस सपोर्ट करते हैं। वह भी पिछले 5 सालों में बढ़कर 84 तक पहुंच गई है या नहीं। दुनिया भर में 84 देश आते हैं जो अपनी amrm force से उसके लिए कोई ना कोई डिफेंस पेंशन योजना कॉम्पोनेंट आज की डेट में भारतीय खरीदते हैं। लिस्ट ऑफ स्टेट में डिफेंस अजय भट्ट ने राज्यसभा में जानकारी दिया कि साल 2017 से 18 में भारत ने 4682 करोड रुपए के डिफेंस एक्सपोर्ट किए थे और आज 5 सालों के बाद जांगड़ा।

गुना ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भारत ने जो डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर अभियान शुरू किया है उसके कारण जो हमारे यहां पर लोकल जिससे से डिफेंस आइटम्स मैन्युफैक्चरर हो रही है, वह ग्लोबली काफी कॉस्ट कंपटीशन सस्ती पड़ रही हैं, जिसके चलते भारत की हमेशा में इस ग्रुप में सप्लाई चेन में घुस रही हैं और उनको देश के बॉस अभी आर्डर मिल रहे हैं। हमारे डिफेंस इक्विपमेंट स्पोर्ट्स जो लगातार बढ़ रहे हैं, इससे मारी क्वालिटी और कंपटीशन आज पता चलती है।

भारत में जो कंपनी और हमेशा मिस आफ डिफेंस इक्विपमेंट एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर कर रही हैं, वह बस स्टैंड स्टैंड इसके ऊपर खरा उतर रहे हैं। तभी भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट्स भी बहुत ही तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां पर अगर आप यह सोचे कि भारत ने तो किसी दूसरे देश के साथ हथियारों की कोई बड़ी डील तो नहीं की है तो फिर भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट्स में इतनी तेजी कैसे आ रही है तो लोगों को बता दूंगी। फोन वायरस भारत से लाइटवेट और पेड़ों पर कंट्रोल सिस्टम नाइट, विजन मॉलिक्यूलर, ऑर्बिटल, जिला टॉप वीडियो लोडिंग, मेकैनिज्म, आईएस, बेस्ट, लांचर फॉर बस सिम्युलेटर और फाइनल कैसे छोटे-छोटे डिफेंस इक्विपमेंट परचेज करते हैं, इसके साथ ही कई सारे।

कंप्लेंट उस पेपर भारत एक्सपोर्ट होते हैं। भारत में भी समरीन फाइटर जेट्स बैंक स्टाफ एंट्री गेट इन जैसे बड़ी-बड़ी हथियार एक्सपोर्ट नहीं किया बल्कि विकिपीडिया के मुताबिक हम आगमन प्रोटेक्शन बाई कल्लू के डिंगरी डाला द फॉलोइंग आइटम्स पैराशूट अमिनेशन वेपंस पर हो जिससे छोटे-छोटे डिफेंस रिक्रूटमेंट जकॉम्पोनेंट सपोर्ट करते हैं, लेकिन जिस तेजी से भारत के डिफेंस इंडस्ट्री में एफबीआई आ रही है भारी देशों की कंपनियों की दुनिया की बड़ी बड़ी। टॉप डिफेंस फॉर्म से वह भारत की कंपनी इसके साथ टाईअप करके भारत में इतिहास मैन्युफैक्चर करने जा रहे हैं। ज्वाइंट वेंचर स्थापित करके भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगा रहे हैं। उसे एकदम क्लियर होता है कि आगे आने वाले सालों में पाटीदार से लेकर फ्रीगेट्स राइफल्स थैंक्स टोपे और कई सारे बड़े बड़े हथियार।

भारत एक्सपोर्ट करेगा और एक्सपोर्ट करने वाले देशों की लिस्ट में भारत टॉप फाइव में भी शामिल हो जाएगा। भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट्स की एक चीज बहुत ही खास है कि डिफेंस आइटम्स एक्सपोर्ट करने वाली मेजॉरिटी कंपनी प्राइवेट सेक्टर और एमएसएमई से मतलब है कि मोदी सरकार ने जो डिफेंस सेक्टर को अपनी प्राइवेट कंपनी इसके लिए खोल दिया था। वह बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहा है। भारत की कई सारी प्राइवेट कंपनी अलग-अलग हथियारों, फाइटर जेट्स और बाकी डिफेंस इक्विपमेंट के छोटे-छोटे पार्ट्स स्पेयर पार्ट्स और कई सारी कंपनी मैन्युफैक्चर कर रही है।

यह सारे कॉम्पोनेंट्स अमेरिका फ्रांस जर्मनी, स्वीडन जैसे देशों की बड़ी-बड़ी डिफेंस कंपनी भारत से खरीद रही हैं जो भारत की छोटी कंपनी से कंपनी इन पोर्ट करवा कर अपने देश में ले जाती हैं और फिर वहां पर असेंबली लाइन में सैंपल करके फाइनल हथियार खड़ा करती हैं। खैर प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की पॉलिसी से क्या संतुष्ट हैं।

Leave a Comment

close
Share via
Copy link
Powered by Social Snap