सारी हेकड़ी निकल गई, भारत को बॉयकॉट करके ब्लैकमेल करने की कोशिश थी, रूस चीन ने सेट करके भेज दिया।

सारी हेकड़ी निकल गई, भारत को बॉयकॉट करके ब्लैकमेल करने की कोशिश थी, रूस चीन ने सेट करके भेज दिया।
सारी हेकड़ी निकल गई, भारत को बॉयकॉट करके ब्लैकमेल करने की कोशिश थी, रूस चीन ने सेट करके भेज दिया।

ऐसा बहुत ही कम होता है जब हम सेम टॉपिक के ऊपर बेक टु बेक दो news बनाये वो भी एक ही दिन के अंदर लेकिन आज हमे ये करना पड़ रहा है वो भी पाकिस्तान की वजह से जैसे की मैंने सुबह की वीडियो में आपको बताया था की पाकिस्तान की पॉलिटिकल लीडरशिप इस समय बहुत ही ज्यादा कन्फ्यूज़्ड है दरअसल भारत में ऐसी उद्देश्यों के चीफ जस्टिस की मीटिंग हो रही है पाकिस्तान ने पहले अपने चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल को भारत भेजा नहीं और कहा की वो ऑनलाइन वर्चुअल मोड़ से इस मीटिंग को अटेंड करेंगे लेकिन फिर अचानक से पिछले कल देर शाम को पाकिस्तान की तरफ से एक मैसेज आता है की

पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भारत में होने वाली एससीओ की मीटिंग को अटेंड नहीं करेंगे हमने इसके ऊपर वीडियो भी बनायी और सुबह वाली विडिओ में आपको बताया था की कैसे बारह से पंद्रह घंटे पहले पाकिस्तान की पॉलिटिकल लीडरशिप ने इस मीटिंग को लेकर अपना फैसला अचानक से हैंड मूवमेंट के ऊपर बदल दिया है और भारत में होने वाली इस मीटिंग को वर्कआउट करने का फैसला किया है भारत में ये मीटिंग बिना पाकिस्तान के पार्टिसिपेशन के स्टार्ट होने वाली थी लेकिन आज सुबह पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना फैसला दोबारा बदला है और भारत को इन्फॉर्म किया है की वो भारत में होने वाली मीटिंग में पैसा लेंगे आप सोचें कि जीस देश की पॉलिटिकल लीडरशिप

ये डिसाइड नहीं कर पा रही है की

भारत में होने वाली मीटिंग में पाकिस्तान को अपना रिप्रजेंटेटिव भेजना है या फिर नहीं वो एक पूरे देश को कैसे सँभालते होंगे पिछले कल सुबह यस था उसके बाद देर शाम तक वो डिसिशन नो हो गया और अभी कुछ ही मिनट्स पहले लैस मूवमेंट के ऊपर पाकिस्तान की तरफ से दुबारा से ये इसका सिग्नल आ रहा है अब सोचने वाली बात है की आखिर ऐसा क्या हो गया की पाकिस्तान को मीटिंग्स वाले दिन ही भारत को कन्फर्मेशन देनी पड़ रही है कई एक्सपर्ट्स का मानना है की ऐसा रशिया और चाइना के प्रेशर के कारण हुआ होगा

रस्सियों के ऊपर रशिया और चाइना का सबसे ज्यादा होल्ड है और ये देश लगातार कोशीश करते हैं की ऐसे संगठन वेस्टर्न देशों के अल्टरनेटिव के रूप में काम करें तभी इसमें मैक्सिमम वही देश है जो रशिया और चाइना के ऐलिस है जम्मू कश्मीर से आर्टिकल तीन सौ सत्तर हटाने को लेकर पाकिस्तान अभी भी हराया है पाकिस्तान की सरकार का ऑफिशल स्टैंड यही है की जब तक भारत जम्मू कश्मीर में आर्टिकल तीन सौ सत्तर को दोबारा से लागू नहीं कर देता तब तक पाकिस्तान के साथ टेबल के ऊपर बैठकर कोई भी बातचीत नहीं करेगा लेकिन ऐसी होगी मीटिंग को आउट करने का मतलब है

रशिया और चाइना द्वारा बैग

ऐसे उस संगठन को बॉयकॉट करना अब पाकिस्तान की कंडीशन तो हम सबको पता है जो पैसे दे पाकिस्तान उसके साथ ही चिर पड़ता है ऐसे में चाइना रशिया के कहने पर पाकिस्तान ने अपनी खुद की फॉरन पॉलिसी को भी साइड के ऊपर रखा और एट द एंड मोमेंट भारत में हो रही है ऐसे उद्देश्यों के चीफ जस्टिस एस की मीटिंग को अटेंड करने के लिए अब अपने चीफ जस्टिस और पाकिस्तान को ग्रीन सिग्नल दे दिया है बढ़िया तक पॉसिबल है की प्रेशर चाइना नहीं बैंगलोर डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए पाकिस्तान के ऊपर प्रेशर डाला हो और तब जाकर पाकिस्तान माना हो अब पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तान के चीफ जस्टिस

ऑनलाइन वर्चुअल मोड़ से

भारत में होने वाली इस मीटिंग को अटेंड करेंगे भारत सरकार की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम के ऊपर अभी तक कोई भी रिएक्शन नहीं आया है भारत सरकार ने कुछ नहीं कहा है क्योंकि कुछ हफ्तों बाद मई महीने में भारत में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग भी होनी है जिसके लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को भारत आने का इनविटेशन भेजा जा चुका है उसके बाद में एससीओ देशों के प्राइम मिनिस्टर्स रेजिडेंस को भी भारत आना है भारत अगर पाकिस्तान की इन हरकतों के ऊपर कोई कमेंट करता है तो कल को पाकिस्तान उन मीटिंग्स में आने से भी इनकार कर सकता है या फिर ये कह लो की

पाकिस्तान को बहाना मिल जाएगा

भारत के लिए यहाँ पर रिस्पॉन्सिबिलिटी ये है कि भारत के कहने पर पाकिस्तान मीटिंग में हिस्सा लें ताकि भारत पूरी दुनिया को दिखा सकेगी पाकिस्तान के साथ कई लेवल के डिफरेन्स होने के बावजूद मल्टीलेटरल संगठनों में पाकिस्तान के साथ टेबल के ऊपर बैठकर बातचीत करने में भारत को कोई भी दिक्कत नहीं है हम एक रिस्पॉन्सिबल कंट्री है और यूएन सिक्युरिटी काउंसिल जैसे संगठन में परमानेंट सीट के लिए हकदार है ऐसे में पाकिस्तान आये या फिर नहीं आये ये भारत के लिए दोनों तरफ से फायदेमंद है ऐसे में अगर पाकिस्तान मीटिंग को अटेंड करने आता है तो वो भारत के लिए ज्यादा अच्छा होगा

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