भारत के जैसा प्रोटोकॉल दुनिया में किसी भी देश का नहीं, जर्मनी ने अपनी गलती मान ली, भारत के लिए नया…

भारत के जैसा प्रोटोकॉल दुनिया में किसी भी देश का नहीं, जर्मनी ने अपनी गलती मान ली, भारत के लिए नया...
भारत के जैसा प्रोटोकॉल दुनिया में किसी भी देश का नहीं, जर्मनी ने अपनी गलती मान ली, भारत के लिए नया…

क्या हुवाथा जर्मनी के विदेश मंत्री के साथ?


रिसेंटली जर्मनी के विदेश मंत्री जी 20 देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग को अटेंड करने के लिए भारत आई थी।

मीटिंग अटेंड करके वो जर्मनी तो वापस चले गए लेकिन उन्होंने अपने पीछे एक कॉन्ट्रोवर्सी छोड़ दी।

हुआ क्या कि जर्मनी के विदेश मंत्री का प्लेन जब न्यू दिल्ली के एअरपोर्ट के ऊपर पहुंचा और जब वो प्लेन से नीचे उतरी उस समय उनको रिसीव करने के लिए नीचे कोई भी खड़ा नहीं था। उन्हें काफी दूर तक पैदल चलना पड़ा और फिर वहाँ जाकर उनके साथ ऑफिशियल्स ने हैंडशेक किया। आमतौर पर क्या होता है की जब भी कोई बड़े लेवल का फौरन लीडर आता है तो उसको रिसीव करने के लिए


नीचे पूरा एक प्रोटोकोल फॉलो किया जाता है। इंडियन गवर्नमेंट अपने रिप्रेजेंटेटिव्स भेज दिया है। कई बार जब किसी देश के साथ क्लोज़ रिलेशन शिप होते है, किसी दूसरे देश के प्रेसिडेंट का गर्मजोशी के साथ स्वागत करना होता है तो उस केस में फॉरेन लीडर्स के लिए रेड कार्पेट तक बिछाए जाते हैं। कई बार पीएम प्रेसिडेंट खुद ही एअरपोर्ट के ऊपर पहुँच जाते हैं और प्रॉपर सेरेमनी के साथ उनका वेलकम किया जाता है। लेकिन जर्मनी के विदेश मंत्री अन्ना लीना बेड बॉक्स को रिसीव करने के लिए एअरपोर्ट के ऊपर उस समय कोई भी प्रोटोकोल फॉलो नहीं किया गया और ये वीडियो लगातार वायरल हो रही थी। जैसे ही विजुअल्स


जर्मनी पहुंचे, जर्मनी के अंदर मीडिया के एक सेक्शन ने ये प्रोपागंडा फैलाना शुरू कर दिया की जर्मनी भारत को प्रॉपर रिस्पेक्ट बिलकुल नहीं दे रहा है। जर्मनी के विदेश मंत्री को अच्छे से ट्रीट और उनका अच्छे से वेलकम बिल्कुल नहीं किया गया। जीवन इंडिया के अंदर भी कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स और यूट्यूब चैनल्स ने इस तरह के न्यू चलाई की भारत ने जानबूझकर जर्मनी के विदेश मंत्री को प्रोटोकोल के साथ वेलकम नहीं किया क्योंकि कुछ महीने पहले जर्मनी के विदेश मंत्री अन्ना लीना बकने कश्मीर के ऊपर विवादित टिप्पणी की थी। यानी ऐलिना बेबाक ने कश्मीर के ऊपर जो बयान दिया था।

क्या कहा था ऐलिना बेबाक ने कश्मीर के ऊपर?


जो महीनों पहले उनकी स्टेटमेंट आयी थी, उसकी वजह से ही भारतीय सरकार ने उनको पनिश करने के लिए ऐसा किया। अभी कॉन्ट्रोवर्सी काफी तेज हो रही थी। एक तरफ जर्मनी के लोग भारत को बुरा भला बोल रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ भारत में कुछ लोग इस को सेलिब्रेट कर रहे थे। मामले में इतनी ज्यादा तूल पकड़ ली की जर्मनी के जो भारत में ऐंबैसडर हैं,

जो ऐनवाई हैं उनको खुद ही सामने आना पड़ा और इस इंसिडेंट के बारे में सारी सच्चाई अपने मुँह से बयान करनी पड़ी रेफरेन्स के लिए आपके स्क्रीन के ऊपर एनडीटीवी इंडिया के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है, जिसके मुताबिक जर्मनी के जो भारत में

ndtv news


एंबेसडर हैं, फिलिप आकर मैन उन्होंने एक स्टेटमेंट जारी की है और बताया की ये जो पूरा विवाद पैदा हुआ है, ये बेबुनियाद है क्योंकि फॉर मिनिस्टर ऐलिना बेर ब्लॉग खुद ही थोड़ी जल्दी प्लेन से नीचे उतर आई थी। जर्मन एंबेसडर ने बताया की नली ना बैड बॉय का प्लेन टाइम से कुछ समय पहले ही एअरपोर्ट के ऊपर पहुँच गया था। उसके बावजूद उनसे कहा गया की वो कुछ समय तक प्लेन में ही रहे। उनके लिए पूरा प्रोटोकोल जल्दी से रेडी कर दिया जाएगा। प्रॉपर इनलाइन उनका वेलकम किया जाएगा। लेकिन वो कुछ देर तक प्लेन में रुकीं। उन्होंने प्लेन में ब्रेकफास्ट किया यानी नाश्ता किया।


और अचानक से प्लेन से बाहर उतरकर नीचे आ गई। ये प्यूरली प्रॉब्लम थी ना की इंडिया के प्रोटोकोल की गलती जर्मन एंबेसडर ने आगे कहा की इंडिया के प्रोटोकोल ने इस हफ्ते तो बहुत ही आउटस्टैंडिंग काम किया है। मैंने अपनी लाइफ में इस तरह का इससे अच्छा प्रोटोकोल कभी नहीं देखा। भारत में फैनटैस्टिक गली काम किया है। ये मिस ऐप जर्मनी की वजह से हुआ। इसमें भारत के प्रोटोकोल की कोई भी गलती नहीं थी। इसके साथ ही वीडियो में आप खुद भी देख सकते हैं की जर्मनी के ऐंबैसडर वो खुद भी प्लेन के नीचे स्ट्रेस के पास खड़े नहीं थे और वहाँ तक पहुंचे नहीं थे।


ना सिर्फ भारत के ऑफिशियल्स बल्कि जर्मनी के अंबेस्डर और जर्मनी की जो भारत में एम्बेसी है, उसके ऑफिशियल्स भी अभी तक रेडी नहीं थे और जर्मनी के विदेश मंत्री अनिल इन आबे बुक समय से पहले ही प्लेन से नीचे उतर आई।

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