इमरान खान के जाने के बाद जब से पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की गवर्नमेंट आई है, उसके बाद से ही अमेरिका पाकिस्तान के ऊपर लगातार मेहरबान होते जा रहा है। एक तरफ इमरान खान के साथ जो बिल्डर ने एक बार भी फ़ोन कॉल के ऊपर बात नहीं की थी, मिलना तो दूर की बात है। जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तान के लिए अमेरिका अब शाहबाज शरीफ के आने के बाद एक के बाद एक घोषणा कर रहा है।
अमेरिका से जो न्यूस निकल कर आ रही है उसको सुनने के बाद हमें एक बार फिर से पिछले अमेरिकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की याद आने वाली है क्योंकि जो बाइडन एक बार फिर से बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश जब बिल क्लिंटन वाली पुरानी फॉर्म पॉलिसी की और अमेरिका को धकेल रहे पाकिस्तान को दोबारा से ओल्ड ट्रीटमेंट यानी पुराने वाला ट्रीटमेंट मिल रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान और अल कायदा से लड़ाई में पाकिस्तान नाटो देशों के लिए एक इम्पॉर्टन्ट देश था। अफगानिस्तान तक अमेरिका और नाटो देशों की सारी सप्लाई इस पाकिस्तान के कराची पोर्ट से होते हुए जाती थी। लैन्ड बॉर्डर से अफगानिस्तान में एंट्री हुआ करती थी।
पाकिस्तान अपनी डायरेक्टरी और स्पेस का ऐक्सेस दिया करता था। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के आने से पहले अमेरिका पाकिस्तान को ये सारी चीज़े प्रोवाइड करने के लिए फाइव मिलियन और बिलियन डॉलर्स की दिया करता था। फ्री में कई सारे हथियार दिया करता था। सब्सिडाइज रेट के ऊपर डिफेंस डील हुआ करती थी, फाइनैंशल रेट दिया करता था। लेकिन डोनल्ड ट्रंप ने प्रेसिडेंट बनने के बाद पाकिस्तान को हर प्रकार की हेड पूरी तरह से रोक दी थी और ना ही पाकिस्तान के साथ कोई भी डिफेंस डील साइन की। वो भी ऐसे समय में जब अफगानिस्तान आर्मी और तालिबान के बीच लड़ाई चरम के ऊपर थी और पाकिस्तान तालिबान राजिम के साथ नेगोशिएशन करवाने में अमेरिका और वेस्टर्न देशों की मदद कर रहा था।
उस समय तो अमेरिका के पास पाकिस्तान की मदद करने का मोदी अच्छा रीज़न भी था, लेकिन डोनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की बजाय भारत को चुना और भारत के साथ रिलेशन को मजबूत करना ज्यादा फायदेमंद समझा। लेकिन जो बाइडेन के प्रेसिडेंट बनने के बाद सारी चीजें एक बार फिर से पुराने जैसी हो रही है।
भारत के लाखों विरोध करने पर पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान के ऑफ 16 फाइटर जेट्स को अपग्रेड करने का फैसला किया था और अब कभी निकल कर आ रही है की अमेरिका पाकिस्तान को दी जाने वाली सारी फाइनैंशल ऐंड दोबारा से शुरू कर रहा है। रिफरेन्स के लिए आपकी स्क्रीन के ऊपर लाइव मिंट के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है, जिसके मुताबिक अमेरिका ने कहा है की वो इकोनॉमिक रिकवरी में मदद के लिए पाकिस्तान को मल्टिपल एड्स देंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को एक बिल भेजा है, जिसमें अगले फाइनैंशल ईयर 2023 से 24 के लिए पाकिस्तान की रेड को डबल करने का प्रावधान किया गया है।
ये एंड इकोनॉमिक सपोर्ट फंड के अंदर दी जा रही है। लास्ट ईयर अमेरिका ने 39 बिलियन डॉलर्स पाकिस्तान को दिए थे और इस साल इसको बढ़ाकर डबल से भी ज्यादा 82 मिलियन डॉलर्स तक कर दिया गया है। ना सिर्फ इस कैटेगरी में पाकिस्तान को एट दी जाएगी बल्कि अमेरिका इंटरनेशनल नार्कोटिक्स लॉ इन्फोर्समेंट कैटगरी में 17 मिलियन डॉलर्स पाकिस्तान को देगा, जबकि इंटरनैश्नल बिल्ली एजुकेशन ऐंड ट्रेनिंग के नाम पर 3.5 बिलियन डॉलर्स की एट पाकिस्तान को दी जाएगी। इसके अलावा ग्लोबल हेल्थ कैटगरी में भी अमेरिका पाकिस्तान को 32 मिलियन डॉलर्स तक दे रहा है।
अभी लिस्ट खत्म नहीं हुई है। इसके अलावा भी और कहीं सारी कैटगरी बनाकर पाकिस्तान को कई सारी अलग अलग एड्स दी जा रही है, जो एंड में जाकर एक बड़ा अमाउंट बन जाता है। डोनल्ड ट्रंप ने जो एड्स पाकिस्तान के लिए बंद की थी, जो बैटन ऐड्मिनिस्ट्रेशन उनको ना सिर्फ दुबारा से स्टार्ट कर रहा है, बल्कि इस साल उनको बढ़ा भी रहा है।
अमेरिका का कहना है की ये फाइनैंशल हेड फ्लड से रिकवर करने, एनर्जी सप्लाई इस को डाइवर्सिफाइ करने, डेमोक्रैट इन्स्टिट्यूशन्स को मजबूत करने, जेंडर इक्वैलिटी और वुमेन्स इम्पावर्मेन्ट के लिए पाकिस्तान को दी जा रही है। अब आपको पता है की ये सारा पैसा एट द एंड किसके हाथ में जाना है? ड्रग्स एंड नारकोटिक्स कंट्रोल के लिए अमेरिका पाकिस्तान को एट दे रहा है। ये अपने आप में हँसी की बात है क्योंकि पाकिस्तान भारत के अंदर ड्रग स्मगलिंग करता है। हर दूसरे दिन बीएसएफ बॉर्डर के ऊपर पाकिस्तान के ड्रोन को मार गिराती हैं, जिनके ऊपर करोड़ों रुपये का ड्रग्स साथ में मैच होता है।
ड्रग्स कंट्रोल तो दूर की बात है। पाकिस्तान के स्टेट ऐक्टर्स भारत के अंदर ड्रग स्मगलिंग करवा रहे हैं। इसलिए ये फाइनैंशल ऐंड जो अमेरिका पाकिस्तान को दे रहा है ये भारत के खिलाफ़ इस्तेमाल होगी।