जिसतरह से आज हम महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, एपीजे अब्दुल कलाम, अटल बिहारी वाजपेयी इन जैसे लीडर्स को याद करते हैं, ठीक उसी तरह से कुछ दशकों के बाद प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को भी सेम तरीके से याद किया जाएगा। वैसे तो प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की कई सारी पॉलिटिकल अचीवमेंट है, लेकिन एक चीज़ के लिए उनको खास तौर के ऊपर याद रखा जाएगा और वो हैं भारत के अंदर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए। साल 2014 में पहली बार फुल मेजोरिटी के साथ जीतने के बाद 1 जुलाई 2015 को प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी ने
डिजिटल इंडिया कैंपेन की शुरुआत की थी और तब से ही भारत ने पीछे मुड़कर आज तक कभी नहीं देखा है। आज भारत के अंदर ऐसा डिजिटल इको सिस्टम बन गया है जिसको अमेरिका और ब्रिटेन जैसे डेवलप्ड देश भी अचीव करने में अभी तक नाकाम रहे। आज से 810 साल पहले किसी को भी नहीं लगता था की भारत के अंदर इस तरह की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आएगी। ऑपोजिशन पार्टीज़ के लोग प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी और उनके डिजिटल इंडिया कैंपेन का मजाक बनाया करते थे। लेकिन प्राइम मिनिस्टर मोदी के विजन ने भारत को पूरी तरह से डिजिटाइस कर दिया है। भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का एक बहुत ही बड़ा हिस्सा
डिजिटल ट्रांजैक्शन्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में भारत में कुछ ही सालों के अंदर अमेरिका, चाइना, यूरोप सबको पीछे छोड़ दिया है। आज अगर हम भारत के किसी भी रिमोट एरिया में वहाँ पर किसी भी गांव में चले जाये तो वहाँ भी एक टेस्ट बॉल से लेकर किराने की दुकान के ऊपर यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रही है। लोग फ़ोन पे गूगल पे या फिर पेट में जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करके फ़ोन से ही कुछ ही सेकंड में पेमेंट कर रहे हैं। अभी तक क्या था की भारत के टाइर वन से लेकर टायर थ्री सिटीज में सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांज़ेक्शन हो रही थी। लेकिन रिसेंटली नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने
ऑफलाइन ट्रांजैक्शन को प्रोमोट करने के लिए बिना इंटरनेट के यूपीआई ट्रांजैक्शन करने का फीचर भी जारी किया था। जिसके बाद जिन लोगों के पास इन्टरनेट या फिर स्मार्ट फ़ोन नहीं है वो भी अपने एक छोटे से फीचर फ़ोन के साथ यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में एक और बड़ी अचीवमेंट हासिल कर ली है। रेफरेन्स के लिए आपकी स्क्रीन के ऊपर रिपब्लिक वर्ल्ड के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट है, जिसके मुताबिक भारत के लिए गर्व करने का एक और मौका आ गया है। भारत के अंदर डेली यूपीआई ट्रांजैक्शन में 50% की ग्रोथ हो गई है। ये जानकारी दी है
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास जी ने। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पिछले साल फरवरी महीने में हर दिन 24,00,00,000 यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रही थी, लेकिन 1 साल के बाद इस साल फरवरी महीने तक ये आंकड़ा 50% बढ़ गया है। अब भारत में डेली 36,00,00,000 यूपीआई ट्रांजैक्शन हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया की मुझे गर्व है की दिसंबर 2022 के बाद पिछले तीन महीने से भारत में हर महीने 1000 करोड़ से ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन्स हो रही है। इन टर्म्स ऑफ वैल्यू 17% की ग्रोथ देखने को मिली है। ने कहा की
हमारे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को दुनिया भर में डिस्कस किया जा रहा है और दुनिया के कई सारे देश अब भारत के जैसे सक्सेस स्टोरी को दोहराना चाहते हैं। आई नो की आंकड़ों से आप जज नहीं कर पाएंगे की ये भारत के लिए कितनी बड़ी अचीवमेंट है। लेकिन आसान भाषा में अगर आपको बताऊँ तो चाइना, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और जपं अगर इन चारों देशों में होने वाली टोटल डिजिटल ट्रांजैक्शन्स को जोड़ भी दें तो भी ये सब यानी भारत इन सब से ज्यादा डिजिटल ट्रांज़ेक्शन कर रहा है। ये भारत के लिए बहुत ही प्राउड की बात है। की बात है अगर आज से ठीक 8 साल पहले नरेंद्र मोदी ने
डिजिटल इंडिया का विजन देश के सामने नहीं रखा होता तो शायद ये लामा भारत के सामने कभी नहीं आता। जब डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में हम दुनिया को लीड कर रहे हैं और दुनिया के तमाम देश भारत के पेमेंट सिस्टम को रेप्लिकेट करना चाह रहे हैं। खैर, क्या प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को अगले साल 2024 के चुनावों में एक बार फिर से वोट देंगे? हाँ या फिर ना नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर बताएं।